बड़े हर्ष की बात है कि भारत सरकार ने पूज्य गुरुदेव को समाजसेवा के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया है, जो वस्तुतः धर्म का ही सम्मान है।
वर्ष 2012 के पद्म भूषण अवॉर्ड के लिए 123 लोगों की सूची घोषित की गई। यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान होता है, जिसे भारत की माननीय राष्ट्रपति द्वारा 26 जनवरी 2012 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदान किये गये। शारीरिक अस्वस्थता के कारण गोयनका जी यह पुरस्कार लेने दिल्ली नहीं जा सके इसीलिए राज्य के गृह सचिव द्वारा उन्हें यह अवॉर्ड 12 मई 2012 को उनके निज निवास पर प्रदान किया गया।
श्री सत्य नारायण गोयनका जी को समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु भारत का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया गया।
गोयनकाजी को यह पुरस्कार भारत में विपश्यना अभ्यास को पुनः स्थापित करने तथा दशकों तक जनहित में निःस्वार्थ सेवा करने के लिए दिया गया। बुद्ध की शिक्षा का सार विपश्यना भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत में अनमोल रतन है।
माननीय श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी उस समय भारत की राष्ट्रपति थी जो स्वयं एक विपश्यी साधक है।