संसार में 4 तरह के लोग : बुध्द की नजर से




तथागत बुद्ध ने कहा कि मै इस संसार मे 4 तरह के लोग देखता हूँ।
(1) अँधेरे से अँधेरे की ओर
ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन में अँध:कार है। यानि गरीबी है, परेशानी है, व्याकुलता है। फिर भी वह क्रोध जगाता है, द्वेष जगाता है। तथा अपने दुःख का जिम्मेदार दुसरो को ठहराता है, और मन ही मन दुसरो को गाली देता है। दुःख को भुलाने के लिए नशापान करता है।
ऐसा व्यक्ति आज तो दुखी है ही, लेकिन आगे के लिये भी दुःख के बीज ही बो रहा है।
यानि अँधेरे से अँधेरे की तरफ बढ़ रहा है।
(2) अँधेरे से प्रकाश की ओर
ऐसे व्यक्ति के जीवन में अँधेरा तो है, लेकिन भीतर प्रज्ञा जाग रही है। वो ये सोचता है, की यह जो कुछ भी मेरे साथ हो रहा है, वो किसी पूर्व दुष्कर्म के कारन हो रहा है, किसी दूसरे को क्या दोष दूँ? ये तो बेचारे माध्यम बन गए है।
तो अपना वर्तमान कर्म सुधारता है, ओरो के प्रति मैत्री, करुणा, सद्भावना जगाता है।
किसी के प्रति क्रोध नही, द्वेष नही।
तो आगे के लिये उसका जीवन प्रकाश ही प्रकाश है।
(3) प्रकाश से अँधेरे की ओर
ऐसा व्यक्ति प्रकाश में है,
यानि धन है, प्रतिष्ठा है,
पर अहंकार है, सबसे घृणा करता है।
देखो मै कितना बुद्धिमान हूँ, कितना मेहनती, ऐसा मानता है।
तो दुःख के बीज बो रहा है।
भविष्य में अँधेरा ही अँधेरा होगा।
(4) प्रकाश से प्रकाश की ओर
ऐसा व्यक्ति प्रकाश में है,
पर साथ साथ प्रज्ञा भी है। वो ये सोचता की यह जो कुछ प्राप्त हुआ किसी पूर्व पुण्यकर्म से हुआ। सदा रहने वाला नही।
तो लोगो की सेवा करता है, उनमे सामर्थ्य के अनुसार सहर्ष बाँटता है। ओरो के प्रति मंगल कामना करता है।
तो उसका आगे आने वाला जीवन प्रकाश ही प्रकाश होगा।
आप सब का जीवन मंगलमय हो।
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4 Types of People Buddha says

Premsagar Gavali

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