बहोत सारे भाई बहेन 10 दिवसीय विपश्यना कोर्स करना चाहते हैं लेकीन इस भाग दौड की जिंदगी मे 10 दीन का समय निकाल पाना मुमकिन नही हो पाता| विपश्यना ध्यान साधना सिखने के लिये १० दिन केंद्र पर रेहना होता है । कोई ऐसे भी लोग है उन्हे १० दिन घर बार छोडके १० दिन साधना शिबीर मे बैठना संभव नही होता। ऐसे लोगो के लिये पूज्य गुरुजी श्री सत्यनारायण गोयंकाजी बडे प्यार और करुणासे धरम का रास्ता खुला कर देते हैं|
विपश्यना जैसी अनमोल विद्या सिखने के लिये कम से कम १० दीन का समय देना होता हैं | इससे कम समय मे इतनी अनमोल विद्या, जो जीवनभर के दुखो को नष्ट कर देती हैं सिखना संभव नही होता है |
पूज्य गुरुजी से किसी ने प्रश्न किया की गुरुजी विपश्यना करन के लिये सही उम्र क्या है? कौन सी उम्र मे यह विद्या सीखना चाहिए? तो गुरुजी बताते हैं - जन्म के पहेले से! तो यह कैसे मुमकीन हैं तब गुरुजी बताते हैं जब कोई मा गर्भवती होती हैं तब वो किसी विपश्यना कोर्स मे जाती हैं, तब पेट मे जो बच्चा पल रहा है उसे जन्म के पहेले धर्म मिळता हैं|
इसी को मद्य नजर रखते हुये जिन लोगो को १० दीन का समय नही मिलता है उनके लिये गुरुजी ने १० मिनट की साधना का प्रोविजन किये हैं, ताकी वो धरम से वंचित ना रेह पाये ! जिससे अनेक नये लोग लाभानवित हूये|
१० मिनट की साधना नित्य नियमित करने के लिये यह व्हिडिओ देखे |