प्रश्न - गुरुजी हमारे पीछे शनि का जो प्रकोप चल रहा हैं उससे कैसे बचें?
उत्तर - अरे भाई, शनि देवता से या शनि नक्षत्र से तुम्हारी कोई दुश्मनी तो है नही, फिर वह तुम पर क्यों प्रकोप करने लगा। प्रकोप अपने पूर्व दुष्कर्मों के परिणाम का ही होता है।
आत्ममुखी साधना द्वारा उसके प्रति समता से सामना करना आ जाए तो जिसे प्रकोप कहते हो वह शीघ्र दूर होगा, और रहे तो भी उतना कष्टदायक नही होगा।
मन विचलित नहीं होगा। इन ग्रह नक्षत्रों के चक्कर में पड़कर उनको संतुष्ट करने के जंजाल से बचना ही उचित है।
भवतु सब्ब मंङ्गलं !!
🙏🙏